लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएं
लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएं या लोकतंत्र के पक्ष में तर्क इस प्रकार हैं:-- लोकतंत्र आम लोगों की भलाई का मनोरथ रखता है - लोकतंत्र लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए शासन है। लोकतंत्र में, प्रभुसत्ता लोगों के हाथों में होती है। इसलिए जनता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खुद ही शासक होती है। लोकतंत्र का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण जनता की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रगति है। लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कोई व्यक्ति या किसी विशेष वर्ग के कल्याण के लिए प्रशासन चलाया नहीं जाता है, बल्कि संपूर्ण जनता के कल्याण के लिए प्रयास किए जाते हैं।
- यह समानता के सिद्धांत पर आधारित है - लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का मुख्य सिद्धांत समानता है। इसका मतलब केवल राजनीतिक समानता नहीं है, बल्कि आर्थिक और समाजिक समानता भी है। लोकतंत्र में जाति, संपत्ति, धर्म या रंग के आधार पर राजनीतिक क्षेत्र में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है, बल्कि सभी को विकसित होने के लिए समान अधिकार दिए जाते हैं।
- स्वतंत्रता मानव विकास के लिए आवश्यक है - लोकतंत्र की मुख्य शक्ति स्वतंत्रता है, स्वतंत्रता के बिना, किसी व्यक्ति का पूर्ण विकास संभव नहीं है, जितनी स्वतंत्रता व्यक्ति को लोकतंत्र में प्राप्त हो सकती है, उतनी स्वतंत्रता किसी को शासन में नहीं होती। लोकतंत्र में, नागरिकों को विचारों को व्यक्त करने, एक समुदाय का निर्माण करने, सरकार की आलोचना करने और समाचार पत्रों आदि की पूर्ण स्वतंत्रता होती है। व्यक्ति किसी भी धर्म को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है। लोकतांत्रिक प्रणाली में स्वतंत्रता का अधिकार केवल दिया ही नहीं जाता, बल्कि लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका का भी प्रबंध किया जाता है।
- लोगों को राजनीतिक शिक्षा मिलती है - लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनाव होते हैं। इन चुनावों को जीतने के लिए, विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव आंदोलन चलाते हैं और अपने दल की नीतियों को घोषित करते है। उनके नेता शासन की प्रशंसा या आलोचना करते है। जनता अपने प्रतिनिध चुनती है। और शासन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेते है। इन सभी गतिविधियों के माध्यम से जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है।
- विदरोह या क्रांति की कोई संभावना नहीं होती - प्राचीन काल में, जब राजतंत्र होता था, तो इतिहास गवाह है कि कभी-कभी शासन परिवर्तन के दौरान खून-खराबा होता था। लेकिन लोकतंत्र एक ऐसा शाशन है जिसमें अयोग सरकार को बदलने के लिए हिंसक कार्रवाई नहीं की जाती है, बल्कि लोग मतदान के अधिकार का उपयोग करके शांतिपूर्ण तरीके से सरकार बदल सकते हैं। इस संबंध में, गिलक्रिईस्ट (Gilchrist) ने कहा है कि, "लोकतंत्र सार्वजनिक सहमति का शासन है, इसलिए यह क्रांतिकारी नहीं हो सकता है।"
- जिम्मेदार सरकार - एक लोकतांत्रिक प्रणाली में, शासन लोगों की इच्छा के अनुसार चलाया जाता है। जनता सरकार चलाने के लिए एक योग्य प्रतिनिधि चुनती है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि जनता के विश्वास को ग्रहण करते हैं और जनमत की राय के आधार पर शासन करते हैं। लोगों पर आधारित होने से सरकार में स्थिरता पैदा होती हैं। जनता के प्रतिनिधियों को इस बात का अहसास होता है कि अगर वे प्रशासन को जनता की इच्छा अनुसार नहीं चलाते हैं, तो उन्हें अगले चुनाव में नहीं चुना जाएगा। यह भी संभव है कि आयोग शासकों को अगले चुनाव से पहले हटा दिया जाए। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि जनता के हर काम के प्रति जिम्मेदार होते हैं।
- मजबूत और कुशल शासन - लोकतंत्र का शासन मजबूत और कुशल होता है। लोकतंत्र में, शासकों को जनता का समर्थन प्राप्त होता है, जिसके कारण सरकार अपने निर्णयों को दृढ़ता से लागू करती है। शासन कुशलतापूर्वक शासन चलाते है।
- उदारवादी सरकार - लोकतंत्र में सरकार उदारवादी है जिसके द्वारा देश की बदलती परिस्थितियों के अनुसार राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक सुधार संभव हो सकते हैं।
- देशभक्ति की भावना का विकास - लोकतंत्र लोगों की अपनी सरकार होती है, अपनी सरकार होने के कारण लोक इसे सफलतापूर्वक चलाने की कोशिश करते हैं, इस तरह लोगो का अपने देश से प्यार बढता हैं और लोग राष्ट्र को अपना राष्ट्र मानते हैं और इसके लिए महान बलिदान करने में संकोच नहीं करते हैं। जे. एस. मिल (J.S. Mill) के कथन के अनुसार, लोकतंत्र लोगों के देश प्यार को बढ़ता है क्योंकि नागरिक यह अनुभव करता है कि सरकार उनकी ही बनाई हुई है और मजिस्ट्रेट उनके मालिक नहीं, सगों सेवक हैं।
- नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा - लोकतांत्रिक प्रणाली के लोगों को अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण अधिकार प्राप्त होते हैं। विचार प्रगट करन, सभा करन, सरकार की आलोचना करन, वोट देन, चुनाव लडने आदि जैसे प्रभावशाली अधिकार केवल लोकतांत्रिक प्रणाली में ही संभव होते है, क्योंकि शासन उत्तरदाई होता है और शाशक एक निश्चित समय के लिए सीधे जनता द्वारा प्रत्ख रूप में चुने जाते हैं। इसलिए, शासक लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की उलंघना करने की जुहरत नहीं करते हैं। लोकतांत्रिक प्रणाली में, लोगों के अधिकार और स्वतंत्रताए संरक्षित रहती है। लोगों के अधिकारों की सुरक्षा लिए लोकतंत्र प्रणाली में कानूनी प्रबंध में किए जाते हैं।
- भरातरी की भावना - सामाजिक समानता और राजनीतिक समानता लोकतांत्रिक प्रणाली की अनिवार्य विशेषताएं हैं। ऐसी शासन प्रणाली में धर्म, जाति, रंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। कानून के सामने सब लोग समान होते है और सभी को कानून की समान सुरक्षा प्राप्त होती है। ऐसी स्थिति में लोगों के अंदर भरातरी भावना की विकास होना बिलकुल स्वाभाविक है।
- कानूनों का अधिक पालन - लोकतंत्र में, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि कानून का निर्माण करते है। दूसरे शब्दों में, लोग अपने ही प्रत्ख रूप में बनाए कानूनों के अधीन हैं। यह स्वाभाविक है कि, जनता की इच्छा अनुसार जनता के चुने हुए प्रतिनिधि द्वारा बनाए कानूनों की आज्ञा का पालन ज्यादा हो।
- यह राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करता है - किसे एक शासन की श्रेष्ठता केवल शासन प्रबंध, आर्थिक विकास और निष्पक्ष न्याय पर नहीं, बल्कि नागरिक के चरित्र पर भी निर्भर करता है, जो उस शासन की उसारी करते हैं और शासन की रक्षा करते है। लोकतंत्र की यह विशेषता है कि कोमी चरित्र का गुण नागरिक के भीतर उत्पन्न होता है। लोकतंत्र नागरिक के अंदर ऐसी राष्ट्रीय भावना पैदा करता है कि वह ऐसा कोई कार्य नहीं करते हैं जिससे कि राष्ट्र को हानि पहुंचन की संभावना हो। जे.एस. मिल (J.S. Mill) के कथन के अनुसार, "लोकतंत्रीय शासन ओर किसी अन्य प्रणाली से राष्ट्रीय चरित्र का अधिक और उच्चतर विकास करता है।
यह भी पढें -
दोस्तों अगर आपको हमारी यह पोस्ट लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएं अच्छी लगी तो आप इसे शेयर करे और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कमेंट करें और हमें फालो कर ले ताकि आपको हमारी हर पोस्ट की खबर मिलती रहे।
Thankyou so much Sir☝👌👉🙏🙏
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंThanks sir
जवाब देंहटाएंThanks u sir
जवाब देंहटाएंIt is very useful
Thanks so much sir
हटाएंThanks sir
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंGood jawab
जवाब देंहटाएंThanks you much 😘 🙏 ❤
जवाब देंहटाएंNitin
एक टिप्पणी भेजें