भारत की गैर संरेखण की नीति या गुट निरपेक्षता नीति

भारत की गैर संरेखण की नीति

गैर संरेखण को भारतीय विदेश नीति का सबसे महत्वपूर्ण आधार माना जाता है। भारती विदेश नीति को गैर संरेखण का आधार प्रदान करन में पंडित जवाहर लाल नेहरू का प्रमुख भाग है। जहां तक ​​कि भारत की विदेश नीति की गैर संरेखण की विशेषता का संबंध है, यह विशेष रूप से सराहनीय है कि गैर संरेखण की नीति भारत के राजनीतिक दलों में से एक की दल की नीति नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर लगभग हर राजनीतिक दल गैर संरेखण का समर्थक है और चुनाव के समय जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में ये दल दिखाते हैं कि गैर संरेखण उनकी विदेश नीति का आधार है। ठीक है भारत में ऐसे लोगों की संख्या काफी होगी, जो भारत को किसे एक ही गुट में भारत में शामिल करने में सक्षम हैं, लेकिन निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि भारतीयों का भारी बहुमत गैर संरेखण है। ओर किसी गुट में शामिल होने का विरोध करते है ।

गैर संरेखण के अर्थ 

गैर संरेखण के अर्थ संबंधी कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाए इस प्रकार हैं:

A. Appadorai अनुसार, 'गैर संरेखण का अर्थ है कि जिस राज्य को गैर संरेखण कहा जाता है, उसका किसी अन्य देश के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं करता ।

K.J. Holsti (श्री केजे होल्स्टी) के अनुसार, परिभाषा के पक्ष से गैर संरेखण का अर्थ है कि कोई भी राज्य अपनी सैन्य क्षमताओं और उसके कूटनीतिक समर्थन के संबंध में किसी अन्य राज्य के लिए प्रतिबद्ध नहीं होगा, न ही वह एक सैन्य समझोते स्थापित करेगा।

Hiran Mukerjee (प्रो हिरेन मुखर्जी) के अनुसार, 'गैर संरेखण का मतलब किसी के प्रति दुश्मनी का ना होना, प्रतिस्पर्धी शक्ति गुट से जानबूझकर दूर रहना, अंतर्राष्ट्रीय मामलों का गुणो के आधार पर निर्माण करन ओर उस निर्माण के आधार पर काम करने की स्वतंत्रता की होंद होती है।

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नीती की व्याख्या करते हुए पंडित नेहरू ने कहा है, जब हम कहते हैं कि हमारी गैर संरेखण की नीति है तो इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि हम किसी भी सैन्य गुट में शामिल नहीं हैं। यह एक निखेधातमक नीति नहीं है, यह एक सकारात्मक, निश्चित और गतिशील नीति है। पर जहाँ तक सैनिक गुट ओर  शीत युद्ध का संबंध है हम अपने आप की किसे गुट से नही जोड़ते है।

गैर संरेखण के आधार पर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि गैर संरेखण का अर्थ सैनिक समझोते से हटकर रहना है,  विश्व के शक्ति गुट में शामिल ना होना और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अपनी स्वतंत्र इच्छा के अनुसार निर्णय लेने और उस निर्णय के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता है। यह विशेष रूप से वर्णनयोग है कि कोई देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी दूसरे देश के साथ संधि कर सकता है और ऐसी संधि को गैर संरेखण का उल्लंघन नहीं माना जाता है।

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