15+ Poem on Love in HIndi | Hindi Shayari | प्यार मुहोब्बत स्टेटस शायरी

15+ प्यार मुहोब्बत स्टेटस शायरी - Poem on Love in HIndi | Hindi Shayari

 Poem on Love in HInd

Hindi Love Poem on अजनबी थे, अजनबी है

मेरी आँखो का हर आँसू तेरे प्यार की निशानी है,
जो तू समझे तो मोती है, ना समझे तो पानी है,
नज़ाने क्यू रेत की तरह हाथो से निकल जाते है लोग,
जिन्हे हम ज़िंदगी समझ कर कभी खोना नहीं चाहते,
फ़ासले कब कम हुए है राबतो के बाद भी,
अजनबी थे, अजनबी है मोहब्बत के बाद भी...

Love Poem in Hindi on इश्क़ बनता है

हाथ में हाथ की हो हरारत तो इश्क़ बनता है
मौजूद हो दरमियाँ शरारत तो इश्क़ बनता है

आग उधर भी लगी हो और तुम भी सुलगो
इश्क़ को इश्क़ की हो आदत तो इश्क़ बनता है

गवाह हों सिलवटें जब शब् के कश्मकश की
न मिले कहीं भी राहत तो इश्क़ बनता है

फ़र्क़ कुछ न रहे महबूब और खुदा में तेरे
जब करो उसकी इबादत तो इश्क़ बनता है

शिद्दत की इंतिहां इस कदर होनी चाहिए
जैसे प्यासे को पानी की हो चाहत तो इश्क़ बनता है

नज़र झुकी हो और लब भी जब करीब आ जाएं
फिर भी देखो उसकी इजाज़त तो इश्क़ बनता है...

Hindi Love Poem on  ये ज़माना

मुबारक हो सबको समा ये सुहाना
मैं खुश हूँ मेरे आसूओंपे ना जाना
मैं तो दीवाना, दीवाना, दीवाना

हजारों तरह के ये होते हैं आँसू
अगर दिल में ग़म हो तो रोते हैं आँसू
खुशी में भी आँखे भीगोते हैं आँसू
इन्हे जान सकता नहीं ये ज़माना

ये शहनाईयाँ दे रही है दुहाई
कोई चीज अपनी हुई है पराई
किसी से मिलन है किसी से जुदाई
नए रिश्तों ने तोडा नाता पूराना

ये बोले समय की नदी का बहाव
ये बाबूल की गलियाँ, ये माँझी की नाव
चली हो तो गोरी, सुनो भूल जाओ
न फिर याद करना, न फिर याद आना...

Love poem in Hindi on Adhuri Mohabbat

अधूरी मोहब्बत निभाना आखिर किसे नहीं आया?
बताना मुझे नहीं आया, तो जताना उसे नहीं आया।

यूँ तो बिछाए हर तरफ जाल ही जाल थे मोहब्बत के
फसाना मुझे नहीं आया तो छुडाना उसे नहीं आया।

चुप्पी में भी जज्बातों की शिकायत बखूबी हुई लेकिन
सताना मुझे नहीं आया तो मनाना उसे नहीं आया।

अपनी अपनी जिंदगी के बस अपने अपने लम्हे
हँसाना मुझे नहीं आया तो रुलाना उसे नहीं आया।

Love Poem in hindi on - “तन्हाई”

सदिया गुजर गयी किसी को अपना बनाने में,
मगर एक पल भी न लगा उन्हें हमसे दूर जाने में…
लोगो की साजिशों का रंग उनपे ऐसा छाने लगा,
के उसके बाद तो हम उन्हें अपने दुश्मन नज़र आने लगे….
हम फिर भी हस्ते रहे उनके जुल्मों को सह कर भी,
धीरे धीरे उनके सितम सह कर हमें मजा आने लगा……..
जब थक गए हमारी रूह तक को तड़पा कर वों,
तब वो धीरे धीरे हमसे दूर जाने लगे……
ये गम तन्हाई दर्द और यादोँ के साये,
ये सब तोहफ़ा हमनें उनसें ही है पाए….
मेरी ग़लती सिर्फ़ इतनी सी थी के मैं वफ़ादार निकला,
जितने दिल से की उनकी मोहब्बत में उतना ही बड़ा गुन्हेगार निकला….

Love Poem in hindi on - “जुदाई”

जो तुमसे दूर चला गया हैं, उसके लिए क्यों आँसू बहाना
जो अतीत का पन्ना हैं, उसके लिए क्यों अपना वर्तमान गवाना,
जो जब वो बेगाना हैं, उसके लिए क्यों खुद को दिन रात रुलाना,
पर अब वो किसी और के संग हैं, अब वो किसी और की दिल की उमंग हैं
तुम्हारी अच्छाई बहुत अच्छी लगती हैं,
तुम्हारी बुराई बहुत बुरी लगती हैं,
तुम्हारे सौ झूट के आगे हमें तुम्हारी एक बात सच्ची लगाती हैं.
तुम एक बार माफ़ी मांगो,
हम अपने आंसू भुला देते हैं,
दूसरी बार मांगो तो तुम्हारे संग चले आते हैं
हमारी खुद की बाते हमें गलत लगाती हैं,
तुम्हारी सौ गलत बातें भी आंखिर हमें अच्छी लगाती हैं,
तुमसे बिछड कर जीने के लिए जिंदगी कब तैयार हुई
सिर्फ़ जुदा होने के ख्याल से आँखे नाम हो जाती हैं...

Poem on "I Love You" मेरी बात

आज फिर हमारी नज़रे मिली
वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी
उसके होठों की हसी मुझे बहाने लगी
मुझे लगा की आज अपने दिल की बात कह दूंगा
जो होगा उसे सच मान आगे बढ़ लूँगा
मगर उसे किसी और से प्यार था
वो तो किसी और पे मरती थी और
मैं उसके लिये सिर्फ उसका एक यार था
मेरे दिल में उसके लिये सिर्फ और सिर्फ प्यार था
इसलिये मेरी हिम्मत फिर से हार गयी
उससे अपने दिल की बात कहने की
अपने दिल के जज़्बात कहने की
वो खवाहिश फिर से खत्म कर दी
ये दिल की फ़रमाइश पूरी ना हो सकी और
फिर से मेरी बात अधूरी रह गयी
– मनोहर मिश्रा

Poem on Love in Hindi - कुछ कहो तो सही

एक अजनबी तुम एक अजनबी हम
अनजानी राहों में मिल जाएंगे
कुछ कहो तो सही
गर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगी
ये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगे
कुछ कहो तो सही
गमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखो
ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे
कुछ कहो तो सही
हाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगा
ये दृग-मेघ खुद-ब-खुद बरस जाएंगे
कुछ कहो तो सही
वक्त के उन क्रूर पलों को बिसार दो
कुछ इबादत तुम्हारी कुछ दुआ हमारी रंग लाएंगे
कुछ कहो तो सही
ये असहज मौन न साधो
क्या भरोसा इन लम्हों का कब बिछड़ जाएंगे
कुछ कहो तो सही ।
-ज्योति आशुकृषणा

Poem on Love in Hindi -दिल की इस दीवार पर

प्यार भरे शब्दों से कोई पैगाम लिखता हूँ।
तड़प कर जिया हूँ बरसों तक।
इस तड़प का कोई एहसास लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
हँसा था जो तूने मुझे देख प्यार से।
उन जादू भरी नजरों का अंदाज लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
नाम तेरा बेनाम है सावन का कोई पैगाम है।
बरसती हुई इन बूंदों में भीगा सी एक शाम है।
जीवन की हर शाम को आज तेरे नाम लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
मेरी हर तमन्ना अधूरी थी तुझे पाने से पहले।
इन तमन्नाओं को आज जीने की वजह लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
सीने में धड़कते दिल को तेरा खत मिल गया।
सायरो की भीड़ में एक सायर नया बन गया।
आज इसी सायरी को तेरे नाम लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
मैं कोई शायर नहीँ न तू मेरी कोई कल्पना है।
तू हकीकत है तू इबारत है तू ही इस दिल की इबादत है।
दिल में तेरी मोह्बत का कलमा बार बार पढता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
दुआओं की भीड़ है तेरे लिये बहुत सी।
मगर मेरी भी एक दुआ छोटी सी कबूल कर लेना ऐ खुदा।
उसको रखना सदा दिल के पास।
कैसे कहूँ तुझे दिल से आज खुदा लिखता हूँ।
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ।
बस तेरा ही नाम लिखता हूँ।
-गौरव

Broken Heart Love Poem - गलती

बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,
कुछ मेरी भी होगी

खामोश रातों में आंखें तेरी भी भीगी होगी
यकीन है हमें
तू भी तड़पा होगा भीगी पलकों के साथ
बीते लम्हों की तुझे भी याद आयी होगी
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,
कुछ मेरी भी होगी

वो रातों की कुछ शरारतें
जिस में अक्सर नींदें खो जाया करती थी
बेशक तुझे भी याद होगा
कि किस कदर तेरी मुहब्बत में अक्सर आंखें भीग जाया करती थी
बुरा नहीं है तू
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं
कुछ मेरी भी होगी

रात के आहोश में उस पल तू भी अकेले भीगा होगा
जिस पल तुझे मेरी ज़रूरत सबसे ज़्यादा होगी
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं
कुछ मेरी भी होगी
–महजबीन

Hindi Poem on Love - सिर्फ बेवफाई देखी

ज़िन्दगी में सिर्फ बेवफाई देखी, हमने महफ़िल में सिर्फ तनहाई देखी
वफ़ाओं का मेरी जो सिला दे, मै वो इश्क़ तलाश करता हूं,

ये ज़ख्म जो मिले गहरे हैं बहुत, मेरी खुशियों पे गमों के पहरे हैं बहुत
दर्द को मेरे जो मिटा दे, मैं वो शिफा तलाश करता हूं,

रिश्तों की कश्मकश में उलझा ऐसे, खुद को ही खुद से खो दिया जैसे
वजूद को मेरे जो मुझसे मिला दे, मैं वो आईना तलाश करता हूं,

इबादत को कभी ना छोड़ा हमने, अपने अक़ीदे को ना कभी तोड़ा हमने
जन्नत जो मुझे दिला दे, मैं वो खुदा तलाश करता हूं,

हर अल्फ़ाज़ को जताने की कोशिश है, हर जज़्बात को बताने की कोशिश है
इस बज़्म को जो एहसास करा दे, मैं वो नज़्म तालाश करता हूं
(अरमान )

Hindi Poem on Destiny - जो होता है अच्छे के लिये होता है

जो होता है अच्छे के लिये होता है
बड़ी चाहत थी कि मैं भी इश्क कर लूं,
चांद- तारे तोड़ लाने की बाते कर लूं।
तेरी हर मुश्किलों में साथ निभाता रहूं,
जन्मों-जनम तक मैं तेरा ही रहूं।
फिर वो सुहानी सी मौसम की घड़ी आयी,
दिल में एक आशा की किरण लायी।
सोचा चलो इज़हार कर दूं आज,
दिनों बाद आयी थी हिम्मत आज।
मैंने कहा, ना जी सकूंगा तुम बिन,
तड़प रहा मैं जैसे मछली पानी बिन।
माना कि आज मैं एक गरीब किसान हूँ,
पर कभी आंसू आने न दूंगा ये वादा करता हूँ।
“अपनी औकात में रह” कहकर वो मना कर गयी,
बड़े घमण्ड से प्यार को ठुकरा वो चली गयी।
प्यार-व्यार सब अपने लिये नहीं यह सोच,
ज़िन्दगी की राह में मैं अकेला निकल पड़ा।
कुछ वर्षों बाद बंगला-गाड़ी,पैसा आ गया,
मैं अपनी जिंदगी जीना सीख गया।
वो जहां कल थी वहीं आज है,
मैंने तरक्की की ऊंचाई पा ली है।
हर अंधेरी रात बाद नया दिन आता है,
किसी ने सच ही कहा है,
जो होता है अच्छे के लिये होता है।
जो होता है अच्छे के लिये होता है।
–एम.पी. सांरवां, नारायणपुर

Love Poem in Hindi - किसी और से

क्यों कहू तुझसे की ना करूँगा मुहोब्बत अब किसी और से ,
कहने को वेसे भी अब क्या रहा,जो बात करूँगा किसी और से
वक्त दर वक्त, लम्हा दर लम्हा गुज़रे जो ज़िन्दगी…
तेरी तरह, तेरे जैसे कोई लगा ले मुझे गले, क्या खुद जा के कह सकूँगा किसी और से ?

जा कह भी दू वैसा, जैसा तू करती थी मेरे लिए…
पर जो प्यार भरी बाते मेरे लब पे थी तेरे लिये, क्या वो जा के कह सकूँगा किसी और से ?

ना कर उम्मीद मेरे रोने और हसने की तेरे जाने के बाद,
तेरी बेवफाई की बाते क्या अब कर सकूँगा किसी और से ?

में जानता हु तू अब भी प्यार करती हे मुझसे …
मेरे दिल की बाते क्या तेरे सिवा कह सकूँगा किसी और से ?

इंतजार हे उस वक्त का जब तू लौट आएगी…
तू लौट आएगी मेरी ज़िन्दगी मे फिर से क्या ये जा के कह सकूँगा किसी और से ?

Love Poem in Hindi - “बात सिर्फ इतनी सी है”

बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है ।।

हज़ारो जख्म है मुझमे जो उसकी निशानी है,
मुझे उसकी फिर भी ज़रुरत क्यूँ है
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है ।।

वो जहाँ है वहां खुश है,
मुझे फिर भी उसकी इतनी फिकर क्यूँ है ।।
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है ।।

नहीं शामिल मैं उसकी आरजू में,
मेरे हाँथो में फिर उसकी लकीर क्यूँ है ।।
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है ।।

Love Poem in Hindi | शायरी हिंदी में - इश्क बेहिसाब होने दीजिए

पहले इश्क को राख होने दीजिए,
फिर दिल को राख होने दीजिए!
तब जा कर पनपेगी मुहोब्बत,
जो भी हो बेहिसाब होने दीजिए!!

सजाएं मुक़र्रर करना इत्मिनान से,
मगर पहले कोई गुनाह होने दीजिए!
में भुला नहीं बस थोडा थक गया था,
लौट आऊंगा घर…शाम होने दीजिए!!

चाँद के दीदार की चाहत दिन में जगी है,
आएगा मजार वो, रात होने दीजिए!!

जो सरिताएँ सुख गई है इंतज़ार में,
वो भी भरेगी बस बरसात होने दीजिए!!

नासमझ, पागल, आवारा, लापरवाह है जो,
सम्हाल जाएँगे वो भी बस अहसास होने दीजिए!!
@राहुल चौधरी
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