[2020] दीपावली पर निबंध हिंदी में - Hindi Essay About Diwali

Hindi Essay About Diwali - दीवाली पर निबंध हिंदी में

Hindi Essay About Diwali - दीपावली अर्थात दीपों का त्योहार रोशनी का त्योहार हैं। दीपावली हिंदुओं का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। दीपावली, भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। दीपावली को पूरे भारत में खूब धूम धाम से मनाया जाता हैं। दीपावली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं। दीपावली हिंदुओं का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। आज हम आपको इस पोस्ट में दीपावाली पर एक शोर्ट निबंध देने जा रहे है। स्कूल के छात्र, कॉलेजों के छात्र दिवाली पर निबंध खोजते हैं। कभी-कभी स्कूल, कॉलेजों में मुकाबले भी होते है। तो ऐसे में सभी दीपावली पर निबंध खोजते है। तो आप इस पोस्ट में दीपावली पर निबंध पढ सकते है।
Hindi Essay on Diwali - दिवाली पर निबंध

दीवाली पर निबंध हिंदी में - Short Diwali Essay in Hindi

दीपावली भारतीय संस्कृति का सर्वप्रमुख त्यौहार है। हमारे जीवन में प्रकाश फैलाने वाला दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

अन्य त्यौहारों की तरह दीपावली के साथ भी कई धार्मिक तथा ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। तब नगर वासियों ने उनके आने की खुशी में अयोध्या को साफ-सुथरा करके दीपों से और फूलो, रंगोली, से पूरीे अयोध्या नगरी को इस तरह सज़ा दिया की मानो जैसे वो एक दुल्हन हो तब से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही है। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के गम के अंधेरों को खत्म करके उजाले की ओर जाए अपने मन के अंधेरों को भी खत्म करे यही दीपावली का त्यौहार है।

दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है यह हमारे जीवन में खुशियां लेकर आता है। इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। यह त्योहार हमें जीवन को एक नए तरीके से जीने की सीख देता है अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। मान्यता है कि इस दिन कोई-न-कोई नया बर्तन अवश्य खरीदना चाहिए। इस दिन नया बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं। वहीं व्यापारी तथा दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें सजाने लगते हैं। इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है।

दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। लोग अपने इष्ट-मित्रों के यहां मिठाई का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकानाएं लेते देते हैं। कहा जाता है कि दीपावली मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सदगृहस्थों के घर निवास करती हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनाई जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।
यह भी पढें -

दीपावली के त्योहार में जहां अनेक गुण है, वहीं इस त्योहार के कुछ दुर्गुण भी हैं। दीपावली खर्चीला त्योहार है। नए कपड़े पहनते हैं, कार्ड भेजते हैं तथा डटकर मिठाई छानते हैं। कुछ लोग कर्ज लेकर भी इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं व शराब पीते हैं, जोकि मंगलकामना के इस पर्व पर एक तरह का कलंक है। दीपावली पर्व के विषय में एक आम धारणा यह भी है कि इस त्योहार के लिए जुआ खेलने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं तथा वर्ष-भर धन आता रहता है। कितना बड़ा अंधविश्वास लागों के मन में समाया हुआ है। कुछ लोग जुए में अपना सर्वस्व एक ही रात में गंवा बैठते हैं।

समय तथा परिस्थितियों के कारण इस पर्व के मनाने में जो तमाम पैसा पटाखों, फुलझड़ियों में बरबाद किया जाता है, वह रोका जाना चाहिए। हम पटाखे की नहीं बल्कि अपना पैसा जला रहे होते है और वैसे भी पटाखो से हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता है इस लिए हमें पटाखे नहीं चलाने चाहिए। इसके साथ-साथ कभी-कभी ऐसी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं, जो जीवनभर के लिए व्यक्ति को अपंग बना देती हैं। इसके अलावा आतिशबाजी छोड़ने के दौरान हुए हादसों के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं जिससे धन-जन की हानि होती है। इन बुराइयों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

दोस्तों अगर आपको यह पोस्ट Hindi Essay on Diwali - दीवाली पर निबंध हिंदी में अच्छी लगी तो आप इसे शेयर करे और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कमेंट करें और हमें फालो कर ले ताकि आपको हमारी हर पोस्ट की खबर मिलती रहे।

Post a Comment