राजनीति शाश्त्र के इतिहास में राजनीति शाश्त्र को दो रूपों में वांटा है। एक रूप को पारंपरिक राजनीति विज्ञान और दूसरे को आधुनिक राजनीति विज्ञान कहा जाता है। कई विद्वान आधुनिक राजनीति शाश्त्र को (Politics) भी कहते हैं। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत से पहले, राजनीति शाश्त्र को परंपरावादी राजनीति माना जाता है। पारंपरिक राजनीति का फोकस राज्य और सरकार का बहुआयामी अध्ययन करना है। दूसरे शब्दों में, राज्य और सरकार का व्यापक अध्ययन पारंपरिक राजनीति का मुख्य विषय है। पारंपरिक राजनीति शाश्त्र मुख्य तौर पर सैद्धांतिक और संस्थापक अध्ययन है। यह सिद्धांतों और संस्थानों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उनके विकास, उनकी संरचना, उनके सैद्धांतिक आधार, उनके निश्चित कार्य, उनके रूपों का अध्ययन करता है। पारंपरिक राजनीति शाश्त्र सरकारों और राजनीतिक संस्थानों के वास्तविक कामकाज और उनके कामकाज को प्रभावित करने वाले राजनीतिक और गैर-राजनीतिक कारकों का अध्ययन नहीं करती है। इस कारण से परंपरावादी राजनीति को एक सैद्धांतिक और संस्थापक अध्ययन माना जाता है। पारंपरिक राजनीतिक वैज्ञानिकों ने तुलनात्मक तरीकों के माध्यम से सरकारों के सैद्धांतिक और संरचनात्मक पहलुओं का अध्ययन किया। सरकारों या उनके द्वारा गठित संविधानों के तुलनात्मक अध्ययन ने उन सरकारों के वास्तविक कामकाज और कामकाज को प्रभावित करने वाले राजनीतिक और गैर-राजनीतिक कारकों पर कोई ध्यान नहीं दिया था। इसीलिए उनके तुलनात्मक अध्ययन को 'तुलनात्मक राजनीती' का अध्ययन कहा जाता है।
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