भारत में बिल कितने प्रकार के है
भारत में, आमतौर पर तीन प्रकार के बिल होते हैं:- साधारण कानून या नहीं
- धन विधेयक या मनी बिल
- प्राइवेट मेंबर बिल
प्राइवेट मेंबर बिल क्या हैं?
प्राइवेट मेंबर बिल उन बिलों को कहते हैं जो बिल मंत्रियों के अलावा अन्य सदस्यों द्वारा संसद में पेश किए जाते हैं। प्राइवेट मेंब बिल भी सार्वजनिक बिल होते हैं, और प्राइवेट मेंबर बिल और सरकारी बिलों को पास करने की प्रक्रिया में कुछ अंतर होता है, जिसे हमने इस पोसट में वर्णित किया है। प्राइवेट मेंबर बिल और गवर्नमेंट बिल दोनों पब्लिक बिल हैं।मनी बिल क्या हैं?
संविधान के अनुच्छेद 110 में धन विधेयक की परिभाषा का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 110 में वर्णित मामलों या तथ्यों से संबंधित विधेयकों को धन विधेयक कहा जाता है। मनी बिल की यह परिभाषा को अलग पोस्ट में वर्णित है।मनी बिल और धन बिल के बीच अंतर
यहां यह भी बताना जरूरी है कि मनी बिल और धन बिल में अंतर होता है। मनी बिल एक बिल है जो अनुच्छेद 110 में वर्णित किसी भी विषय से संबंधित है। अनुच्छेद 110 यह भी प्रदान करता है कि यदि इस अनुच्छेद में शामिल विषयों से संबंधित किसी मामले के संबंध में विवाद उत्पन्न होता है, तो विवाद का अंतिम निर्णय सपीकर द्वारा तय किया जाता है। वाद-विवाद का अर्थ है कि यदि किसी सदस्य ने आपत्ति जताई कि लोकसभा में प्रस्तुत बिल कोई विधेयक बिल नही है, तो विधेयक एक वाद विवाद वाला विधेयक बन जाता है और यह अंततः में सपीकर द्वारा तय किया जाता है।वित्तीय बिल वे हैं जो अनुच्छेद 110 में शामिल विषयो के इलावा किसी ओर विषय से संबंधित होते है। हर वित्तीय बिल एक मनी बिल नहीं है।
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