तानाशाह का अर्थ परिभाषा और किसमें

तानाशाही की परिभाषा - तानाशाही के शासन तहत पूरी शक्ति एक व्यक्ति के पास होती है। वह अपनी मर्जी से जो शक्तियां वह इस्तेमाल करता है, और उसका हर आदेश कानून के समान ही होता है। ऐसे व्यक्ति ने शाासन शक्ति विरसे में नही, बल्कि अपने बल के आधार पर प्राप्त की होती है। तानाशाही को परिभाषित करते हुए, अल्फ्रेड (Alfred) ने कहा है, कि तानाशाही उस व्यक्ति का शासन है जिसने अपनी स्थिति जद्दी आधार पर नहीं की, बल्कि शक्ति या प्रवानगी इन दोनों की के आधार पर प्राप्त की होती है। उसके पास संपूर्ण संप्रभुता जरूर होती है, जिसका अर्थ है कि संपूर्ण राजनीतिक शक्ति का स्रोत उसकी इच्छा है और उसकी शक्ति असीमित है। वह इस शक्ति का उपयोग कानून के अनुसार नहीं, बल्कि अपनी इच्छा के अनुसार, अपने हुक्म के अनुसार करता है। उसकी यह शक्ति किसी अन्य शक्ति के  प्रतिबंध के अधीन नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस तरह के प्रतिबंध निरंकुश शासन के खिलाफ होती हैं।

जे एस रोसक (J.S Roucek) के अनुसार, "सिद्धांतिक म रूप में, तानाशाही प्रणालियां में शासन व्यक्तिगत न्यतंरण  अधीन होती है। तानाशाही के हिटलरी रूप में एक सर्वोच्च नेता होता है, जो खुद ही कानून होता है और वह किसी के लिए जिम्मेदार नहीं है।''
Definition of dictator and in which

तानाशाही के प्रकार

तानाशाही के आधुनिक रूप तीन प्रकार के होते हैं।
  • सर्व सत्तावादी शासन - प्रथम विश्व युद्ध के बाद, कई देशों में ऐसी सरकारें स्थापित की गईं, जिन्हें राजनीतिक साहित्य में सर्व सत्तावादी सरकार कहा जाता है। ऐसी सर्व सत्तावादी सरकारें सामवादी सिद्धांतों के आधार पर, रूस में, नाज़ीवाद के अनुसार जर्मनी में फास्सिटवाद के सिद्धांतों के आधार पर, इटली में कायम हुआ। सर्व सत्तावादी शासन का अर्थ है एक ऐसी प्रणाली जिसमें सभी शक्तियाँ राज्य के पास होती है, व्यक्तियों के जीवन के सभी क्षेत्रों में नियंत्रित होता है, और किसे विशेष सरकारी राजनीतिक विचारधारा के आधार पर समुच्चे समाज का राजनीतिकरण किया जाता है।
सर्व सत्तावादी राज्य की मुख्य विशेषताएं यह हैं कि 
  1. ऐसे राज्य में मानव जीवन के सभी पहलू राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं। किसी व्यक्ति के जीवन का कोई भी हिस्सा उसकी निगरानी और नियंत्रण से परे नहीं है। 
  2. ऐसे शासन की एक विशेष राजनीतिक विचारधारा होती है। इस विचारधारा को सरकारी मानता प्राप्त होती है और शासन का संचालन भी उस विचारधारा के आधार पर होता है। उदाहरण के लिए, सोवियत संघ की सरकारी राजनीतिक विचारधारा सामवाद है।
  3. सरकारी राजनीतिक विचारधारा पर आधारित केवल एक राजनीतिक दल की अनुमति होती है और किसी भी विरोधी दल की होंद को बर्दाश्त नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, चीन में केवल सामवादी दल है और उस देश में किसी भी विरोधी समूह के निर्माण की अनुमति नहीं है।
  4. प्रेस और जनत प्रसारण के संसाधनों पर राज्य का पूर्ण नियंत्रण होता है।
  5. लोगों के अधिकारों और स्वतंत्र न्यायपालिका की होंद होने की संभावना नहीं होती है। लोगों को सिर्फ सरकारी राजनीतिक विचारधारा के अनुकूल ही कुछ अधिकार दिए जाते हैं।
  6. राज्य और समाज में कोई अंतर नहीं किया जाता है।
  • सत्तावादी शासन - सत्तावादी शासन या सरकार या सरकार के सत्तावादी रूप से भाव ऐसी शासन प्रणाली से है जिसमें शासन के संबंधी संपूर्ण शक्तियों किसी एक ही व्यक्ति या कुछ लोगों के समूह के हाथों में केंद्रित होती है। सत्तावादी सरकार की मुख्य विशेषता यह होती है कि इसमें सर्वोच्च शक्ति किसी व्यक्ति या छोटे समूह के पास होती है जो लोगों के प्रति किसी भी रूप में उत्तरदायी नहीं होता है। सर्व सत्तावादी प्रणाली में किसी सरकारी राजनीतिक विचारधारा की होंद नहीं होती है और न ही कोई विशेष विचारधारा लोगों को लेने के लिए मजबूर किया जाता है। इस प्रकार की शासन प्रणाली में तानाशाही की सभी विशेषताएं होती हैं।  तानाशाही में आमतौर पर एक व्यक्ति का शासन होता है, लेकिन सत्तावादी शासन को कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा भी स्थापित किया जा सकता है।
  • सैनिक तानाशाही - वर्तमान शताब्दी में कई देशों में, संवैधानिक सरकारों को स्थापित करके शासन सेना के किसी जरनैल के हाथों मे दी जाती है। इस प्रकार की शासन प्रणाली को सैनिक तानाशाही कहा जाता है। सैनिक तानाशाही और सामान्य तानाशाही में मुख्य अंतर यह है कि सैनिक तानाशाही सैनिक जरनैलो के हाथों में होती हैं और उनके द्वारा आमतौर पर सैनिक कानूनों द्वारा शासन का संचालन किया जाता हैं। इसके विपरीत, साधारण तानाशाही मे शाशन असैनिक तानाशाह के हाथों में होती है। सैनिक तानाशाही की विशेषताएं मुख्य रूप से इस प्रकार हैं,
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न्याय के मूल आधार क्या है 

  1. सरकार सर्वशक्तिमान है और सर्व उच्च शक्ति सैनिक अधिकारी में केंद्रित है।
  2. इस तरह की तानाशाही किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा पर आधारित नहीं है, बल्कि मुख्य रूप से इसका उद्देश्य शासन को कठोरता के साथ राज्य प्रबंध करना है।
  3. लोगों को राजनीतिक अधिकार नहीं प्राप्त होतै हैं और उन्हें सैन्य अधिकारियों के आदेशों का पालन करना पड़ता है।
  4. शासन का प्रबंध आमकरके सैन्य कानूनों के आधार पर संचालित होता है और सैन्य शासन किसी भी संस्था के लिए उत्तरदायी नहीं होता है।
  5. शासन की विरोधता को बर्दाश्त नहीं किया जाता और विरोधियों को बुरी तरह से कुचल दिया जाता है।
  6. ऐसी तानाशाही शक्ति पर आधारित होती है और शासक लगातार अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
  7. न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं, बल्कि सैन्य तानाशाही के नियंत्रण अधीन काम करती है।
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